आईआईएम (इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट) उदयपुर ने 'डिजिटल हार्टलैंड ऑफ इंडिया' नाम से एक प्रोजेक्ट लॉन्च किया है। जिसके माध्यम से इंस्टाग्राम या फेसबुक जैसे सोशल प्लेटफॉर्म पर घटिया रील्स बनाने वालों पर स्टडी की जाएगी। क्योंकि सोशल मीडिया पर कभी-कभी ऐसी रील्स देखने को मिलती है जो देखने लायक नहीं होती। ऐसे कॉन्टेंट को सोशल मीडिया की भाषा में 'क्रिंज कॉन्टेंट' कहा जाता है। ऐसा कॉन्टेंट बनाने वालों के अक्सर कई फॉलोवर्स भी देखने को मिलते हैं। इसी को देखते हुए आईआईएम उदयपुर ने क्रिंज कॉन्टेंट की स्टडी के लिए एक टीम बनाई है।
यह टीम देश के टियर 2 और 3 शहरों में कॉन्टेंट क्रिएशन पर स्टडी करेगी। यह पता लगाने की कोशिश की जाएगी कि कॉन्टेंट क्रिएटर्स क्रिंज कॉन्टेंट बनाने की क्यों सोचते हैं? क्या ऐसे क्रिएटर्स से ब्रांड जुड़ना पसंद करेंगे या नहीं? टीम ने स्टडी पर काम शुरू कर दिया है।
देश में इन राज्यों में की जा रही स्टडी
आईआईएम उदयपुर की ये स्टडी उत्तरप्रदेश के मैनपुरी, महाराष्ट्र के सांगली, पश्चिम बंगाल के सिलिगुड़ी, ओडिशा के भुवनेश्वर, आन्ध्रप्रदेश के विशाखापट्नम, असम के लाखीपुर और राजस्थान में उदयपुर की जाएगी। जानकारी के अनुसार सोशल मीडिया पर ऐसे पोस्ट जिसमें खराब सिंंगिंग, भद्दा डांस या गाली-गलौज जैसी चीजें हो सकती है।
ऐसे कॉन्टेंट के वायरल होने के चांज ज्यादा रहते हैं क्योंकि क्रिएटर्स की भी चाह अपने कॉन्टेंट को वायरल करने की होती है। इनके फॉलोवर्स ज्यादा होने से ब्रांड भी इनसे जुड़ना चाहते हैं। आईआईएम उदयपुर की टीम ये पता लगाएगी कि रियल लाइफ में इन क्रिएटर्स को लोग कितना पसंद करते हैं।