नीमच- नीमच जिले की सबसे पुरानी समस्या बंगला बगीचा समस्या के समाधान को लेकर क्षेत्रीय विधायक द्वारा अपने कार्यक्रमों के दौरान गलत बयान बाजी की जा रही है यह बात एडवोकेट अमित शर्मा द्वारा प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कही गई । शर्मा द्वारा बताया गया कि क्षेत्रीय विधायक द्वारा बार-बार यह कहा जा रहा है कि बंगला बगीचा समस्या का 90% समाधान हो गया है परंतु परिस्थिति इसके ठीक विपरीत है । बंगला बगीचा समस्या का मात्र 10% ही समाधान हुआ है वह भी गलत हुआ है । बंगला बगीचा व्यवस्थापन हेतु मात्र 2000 आवेदन आए हैं जबकि वास्तविकता यह है कि इस क्षेत्र में लगभग 20,000 भूखंड एवं भवन है जिनका व्यवस्थापन किया जाना था आंकड़ों से ही यह स्पष्ट होता है कि नीमच शहर की जनता बंगला बगीचा व्यवस्थापन नियम को स्वीकार नहीं कर रही है । जो व्यवस्थापन नियम सरकार द्वारा बनाया गया है वह एक प्रकार से काला कानून है जिसका हर बंगले बगीचे क्षेत्र में जमकर विरोध हो रहा है इस विरोध को दबाने के लिए विधायक दिलीप सिंह परिहार गलत बयान बाजी कर रहे हैं और क्षेत्र की जनता को गुमराह कर रहे हैं । बंगला बगीचा व्यवस्थापन नियम में कई खामियां हैं यह बात पूर्व नगरपालिका अध्यक्ष राकेश पप्पू जैन भी स्वीकार कर चुके हैं उन्होंने मीडिया को दिए इंटरव्यू में यह बताया था कि जो मसौदा उनके द्वारा बनाकर भेजा गया वह सरकार ने लागू नहीं किया जिससे यह स्पष्ट है कि हमारे क्षेत्रीय जनप्रतिनिधि सरकार के सामने अपने क्षेत्र की जनता की आवाज उठाने में नाकाम है और बंगला बगीचा सँघर्ष समिति द्वारा यह निर्णय लिया गया है कि ऐसे नेताओं को आगामी चुनाव में जनता द्वारा पूरी तरह से नकार दिया जाएगा और यदि व्यवस्थापन नियम में बदलाव नहीं होता है और यह नेता वोट मांगने आते हैं तो उन्हें बंगला बगीचा क्षेत्र की जनता के विरोध का सामना करना पड़ेगा जिसके लिए बंगला बगीचा संघर्ष समिति द्वारा लगातार अभियान चलाया जा रहा है एवं बंगले बगीचे क्षेत्र के सैकड़ों घरों में इस बात के पोस्टर लग चुके हैं कि समाधान नहीं तो वोट नहीं जिसका सीधा सीधा अर्थ यह है कि हमें ऐसे निकम्मे नेता नहीं चाहिए जो हमारी आवाज सरकार के सामने ना उठा सकें इस बार बंगला बगीचा क्षेत्र की जनता ने इन्हें घर बिठाने का मन बना लिया है । जल्द ही बंगला बगीचा संघर्ष समिति द्वारा विरोध प्रदर्शन को और बढ़ाया जाएगा और अपनी मांगों को लेकर धरना प्रदर्शन भी किया जाएगा ।