नीमच। नीमच शहर में विकराल होती कुत्तों की समस्या व आक्रामक कुत्तों द्वारा नागरिकों को काटने के मामले आएदिन सामने आने से चिंतित नीमच नगरपालिका अध्यक्ष स्वाति-गौरव चौपड़ा ने इस मामले को लेकर सोमवार 10 जून को जिला कलेक्टरर दिनेश जैन से चर्चा की व सुप्रीम कोर्ट की गाइड लाइन व पशु क्रूरता अधिनियम के चलते समस्या के निदान में आ रही परेशानी से उन्हें अवगत कराया। इस पर जिला कलेक्टर जैन ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट की गाइड लाइन व पशु क्रूरता अधिनियम के चलते अब हमारे पास यही विकल्प है कि कुत्तों की नसबंदी का अभियान नगरपालिका शीघ्र प्रारम्भ करे तथा आक्रामक कुत्तों को पकडकर शेल्टर हाउस में छुड़वाने की व्यवस्था की जाए। नपाध्यक्ष चौपड़ा ने कलेक्टर जैन से आक्रामक कुत्तों को पकड़कर उन्हें शेल्टर हाउस भिजवाने की अनुमति प्रदान करने की मांग की। चौपड़ा ने बताया कि नियम के तहत शेल्टंर हाउस में 15 से 20 कुत्तें रखने की ही अनुमति है। नपाध्यरक्ष चौपड़ा ने कहा कि कुत्तों के आक्रामक होने का सबसे बड़ा कारण भूख व प्यास है। भूखे व प्यासे रहने के कारण कुत्ते ज्यादा आक्रामक होते है। इसलिए शहर के नागरिकों से अनुरोध है कि वे जितना संभव हो अपने-अपने क्षेत्र में कुत्तों को भोजन-पानी आदि प्रदान करें ताकि कुत्तेो आक्रामक न हो। चौपड़ा ने कहा कि कुत्तोंध की समस्यां से वे भी काफी चिंतित है और जब भी किसी आकामक कुत्तेत द्वारा किसी शहरवासी को काटने की जानकारी मिलती है तो मन को काफी दुख होता है। लेकिन सुप्रीम कोर्ट की गाइड लाइन एवं पशु क्रूरता अधिनियम के चलते हम भी मजबूर है और चाहकर भी कोई त्वकरित कदम उठा नहीं पा रहे है। नागरिकों से अनुरोध है कि वे कुत्तोंी को भोजन-पानी प्रदान कर आक्रामक होने से बचाने तथा समस्यां के निदान हेतु हमें सहयोग व मार्गदर्शन प्रदान करें। कलेक्ट र जैन ने नपाध्यमक्ष चौपड़ा से कुत्तों की नसबंदी हेतु एक की बजाय तीन एजेंसी से अनुबंध की बात कहीं ताकि कम समय में अधिक से अधिक कुत्तों की नसबंदी हो सके। कलेक्टर जैन ने कहा कि नगरपालिका अभियान चलाकर प्रतिदिन कम से 50 कुत्तों की नसबंदी का लक्ष्यत तय करे। नपाध्यक्ष चौपड़ा ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट की गाइड लाइन में यह भी कहा गया है कि जो कुत्तात जिस क्षेत्र का है उसे उसी क्षेत्र में रहने का अधिकार है। ऐसी स्थिति में कुत्तोंड को पकड़कर शहर के बाहर दूर जंगल में छुड़वाना भी संभव नहीं है