KHABAR : रबी सीजन में सिंचाई के समय व लो वोल्टेज समस्या ने किसानों की बड़ी परेशानी, 4 घंटे रात व 6 घंटे दिन में बिजली देने के दौरान भी कई बार बिजली रहती है बंद, फीडर पर लोड ना आए इसलिए तीन ग्रुप में दे रहे बिजली, पढ़े खबर

MP 44 NEWS November 9, 2022, 2:19 pm Technology

मंदसौर। रबी सीजन में सिंचाई के समय व लो वोल्टेज समस्या ने किसानों की परेशानी बढ़ा दी हैं। किसानों को 4 घंटे रात व 6 घंटे दिन में बिजली प्रदाय किया जा रहा हैं। इस अंतराल में भी कटौती हो रही हैं। किसानों का कहना है रात के समय सिंचाई करने के दाैरान जहरीले जानवरों का भय रहता है। ठंड के समय हालत खराब हाे आती है। इसके अलावा दिन में भी बार- बार बिजली कटौती व लाे वाेल्टेज की समस्या रहती। अधिकारियों का कहना है एक साथ बिजली नहीं दे सकते हैं।
जिले में 1 लाख 39 हजार सिंचाई कनेक्शन हैं। इसमें 9 हजार अस्थायी हैं। जिले के 340 फीडर से विद्युत वितरण कंपनी किसानों को सिंचाई के लिए 10 घंटे बिजली उपलब्ध कराने का दावा कर रही हैं। लाे वाेल्टेज सहित समस्या के चलते बिजली बंद रहती हैं। 4 घंटे रात व 6 घंटे दिन में बिजली देने के दौरान भी कई बार बिजली बंद हो जाती हैं। कुचड़ौद निवासी अनोखीलाल पालरा, दीपक सोनी व महेश गुजरिया ने बताया रात के समय 4 घंटे बिजली देते हैं लेकिन कई बार लाे वाेल्टेज की शिकायत के चलते पर्याप्त बिजली नहीं मिलता। दिन में भी यही हालात है। हालांकि अभी जैसे तैसे सिंचाई कर रहे हैं। आगामी दिनाें में ठंड बढ़ जाएगी, तब सिंचाई करना मुश्किल हो जाएगा। मल्हारगढ़। ट्रांसफार्मर की समस्या व सिंचाई के लिए दिन में विद्युत प्रदाय की मांग को लेकर मंगलवार को कांग्रेसजनों ने डीई प्रकाश कसौटिया से मुलाकात की। इस दौरान आरोप लगाते हुए कहा कि वित्तमंत्री के क्षेत्र में विद्युत व्यवस्था पूरी तरह से चौपट हो गई हैं। क्षेत्र में ट्रांसफार्मर को लेकर किसान परेशान हैं। सप्ताहभर के इंतजार के बाद ट्रांसफाॅर्मर मिल रहे हैं। बूढ़ा में कई लोग शिकायतें कर रहे हैं। अधिकारी किसानों की समस्या का समाधान करना तो दूर उपभोक्ताओं के फाेन उठाना भी मुनासिब नहीं समझते। भाजपा सरकार में परेशानी बढ़ रही हैं। व्यवस्थाओं में शीघ्र सुधार नहीं हुआ तो विद्युत वितरण कार्यालय का घेराव किया जाएगा। -सिंचाई के लिए किसानों को दिन में दें बिजली- ब्लॉक कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अनिल शर्मा ने कहा कि सिंचाई के लिए दी जा रही रात्रि कालीन बिजली के शेड्यूल में परिवर्तन किया जाना आवश्यक हैं। किसान कड़काडती ठंड में रात्रि में खेतो में सिंचाई कर रतजगा करने की मजबूर हैं। इसके अलावा रात में जहरीले जनवरो का भी खतरा बना रहता हैं। कई घटनाएं भी घट चुकी हैं। फीडर पर लोड ना आए इसलिए तीन ग्रुप में दे रहे बिजली

फीडर पर लोड नहीं आए इसके लिए विविकं ने तीन ग्रुप बनाए हैं। इस आधार पर किसानों को बिजली दी जा रही है। ग्रुप ए में रात 9.15 से 1.15 बजे, इसके बाद सुबह 5.15 से 11.15 बजे तक बिजली प्रदान किया जाता हैं। इसी तरह ग्रुप बी में रात 1.15 से सुबह 5.15 तक बिजली देते है। इसके बाद सुबह 11.15 से शाम 5.15 बिजली दी जाती है। इसी तरह सी ग्रुप में रात 2 से सुबह 6 बजे तक व इसके बाद सुबह 9 से दोपहर 3 बजे तक बिजली प्रदान की जा रहीं है।

एक साथ नहीं दे सकते बिजली
"जिले के सभी किसानों को एक साथ सिचाई के लिए बिजली नहीं दे सकते है। इसलिए अलग-अलग समय में क्षेत्रवार किसानों को सिंचाई के लिए बिजली दी जा रही है। इसके लिए 340 फीडर है। वहां से किसानों को सिंचाई के लिए सिस्टम अनुसार बिजली दी जाती है। ताकि विद्युत वितरण में कोई समस्या नहीं आए। साथ ही उन्हें पर्याप्त वाॅल्टेज में बिजली मिल सकें।"

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