नीमच, प्रदेश के सभी जिले अपने-अपने जिले और विधानसभा क्षेत्रों का आगामी पांच सालों में विकास का रोडमेप बनाएं। जिले और प्रदेश को आगे बढाने एवं विकास के लिए प्राप्त सुझावों को भी रोडमेप में शामिल करें। जनसहभागिता से प्रदेश को विकास की राह पर और आगे बढाने का प्रयास करें। यह बात प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव ने मंगलवार को निवास स्थित समत्व भवन में वीडियों कांफ्रेंसिंग के माध्यम से प्रदेश में चल रहे जल गंगा संवर्धन अभियान के तहत सभी जिलों में जल संरक्षण एवं जल संरचनाओं के जीर्णोद्धार के कार्यो की समीक्षा करते हुए कही। इस मौके पर मंत्री कैलाश विजय वर्गीय एवं मुख्य सचिव एवं अन्य वरिष्ठ अधिकारीगण भी मौजूद थे। इस वीसी में बताया गया कि प्रदेश में जल गंगा संवर्धन अभियान के तहत 3672 करोड के काम हो रहे है। यह अभियान गंगा दशहरा तक चलेगा। इसके माध्यम से जल संरचनाएं पुराने कुएं, बावडी, तालाब, नदी, पोखर, आदि सभी जल संरचना को पुर्नजीवित करने का काम किया जा रहा है। वीडीयों कांफ्रेंसिंग में मुख्यमंत्री डॉ.यादव ने जल गंगा संवर्धन अभियान के तहत जिलों में अब तक हुए कार्यो और भविष्य में प्रस्तावित कार्यो की जानकारी भी ली। नीमच के एनआईसी कक्ष में इस वीसी में विधायक जावद ओमप्रकाश सखलेचा, नीमच विधायक दिलीप सिह परिहार, मनासा विधायक अनिरूद्ध मारू, कलेक्टर दिनेश जैन, एसपी अंकित जायसवाल, जिला पंचायत सीईओ गुरूप्रसाद, एवं डीएफओ एस.के.अटोदे भी मौजूद थे। विधायक सखलेचा व मारू ने वन राजस्व, सीमा विवादों के निराकरण का सुझाव दिया:- इसी वीडियों कांफ्रेंसिंग में विधायक जावद ओमप्रकाश सखलेचा ने वन राजस्व सीमा भूमि विवाद के प्रकरणों के निराकरण का सुझाव देते हुए कहा, कि नीमच जिले में लगभग पांच हजार प्रकरण वन राजस्व सीमा विवाद के है। उन्होने इन प्रकरणों के निराकरण के लिए जिले में पृथक से सेवानिवृत्त प्रशासनिक अधिकारी, (डिप्टी कलेक्टर) की पदस्थापना करने का सुझाव भी दिया। विधायक अनिरूद्ध मारू ने भी वन, राजस्व सीमा विवाद का उल्लेख करते हुए कहा कि एक बार संयुक्त निरीक्षण कर राजस्व वन भूमि विवाद का स्थाई हल हो जाना चाहिए और जो सीमा निर्धारित हो, उसी पर ही वन व राजस्व विभाग कायम रहे। ऐसी व्यवस्था सुनिश्चित हो, जिससे कि किसानों को कोई असुविधा ना हो। विधायक जावद व मनासा के सुझाव पर मुख्य सचिव म.प्र.ने ए.सी.एस.डॉ.राजेश राजोरा को वन राजस्व सीमा विवाद के प्रकरणों का समुचित समाधान करवाने के लिए कहा है।