नीमच, आज इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड एकाउंटेंट ऑफ इंडिया की नीमच शाखा द्वारा विश्व युवा कौशल दिवस के अवसर पर एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में प्रमुख जीवन कोच अक्षत जिनेन्द्र सुराना ने अपनी ज्ञानवर्धक और प्रेरणादायक शिक्षा दी। सुराना, जो स्वयं नीमच के निवासी हैं, ने चार्टर्ड अकाउंटेंट्स के समुदाय को जीवन कौशल के महत्व पर जोर दिया और अपने अनुभवों से महत्वपूर्ण जानकारियाँ साझा कीं। कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य युवा चार्टर्ड अकाउंटेंट्स के कौशल को समृद्ध करना और उन्हें एक परिवर्तनकारी भविष्य के लिए तैयार करना था। सुराना ने उपस्थित चार्टर्ड अकाउंटेंट्स को न केवल पेशेवर बल्कि व्यक्तिगत जीवन में भी सफलता प्राप्त करने के लिए उपयोगी सुझाव दिए। नीमच शाखा के अध्यक्ष सीए यशवर्धन जैन ने इस अवसर पर कहा, "यह हमारे लिए गर्व की बात है कि अक्षत जिनेन्द्र सुराना जैसे विद्वान ने हमारे कार्यक्रम में हिस्सा लिया और अपने जीवन के अनुभवों से हमें प्रेरित किया। उनके मार्गदर्शन से हमारे युवा चार्टर्ड अकाउंटेंट्स को निश्चय ही लाभ होगा।" इस अवसर पर सीए अभिषेक गोयल ने कहा, " सुराना की प्रेरणादायक शिक्षाओं ने हमारे सदस्यों को नए दृष्टिकोण प्रदान किए हैं। हम उनके आभारी हैं और आशा करते हैं कि भविष्य में भी ऐसे और कार्यक्रमों का आयोजन होता रहेगा।" कार्यक्रम में भाग लेने वाले सभी सदस्यों ने सुराना के विचारों की सराहना की और इस प्रकार के और सत्रों की उम्मीद जताई। समापन: भविष्य के लिए तैयार सीए अंत में, आज के गतिशील व्यवसायिक वातावरण में चार्टर्ड अकाउंटेंट्स के लिए पेशेवर कौशल संवर्धन एक विलासिता नहीं है; यह एक आवश्यकता है। जीवन पर्यंत सीखने को अपनाकर और तकनीकी विशेषज्ञता के साथ-साथ सॉफ्ट स्किल्स को निखारकर, सीए खुद को एआई, एमएल, ब्लॉकचेन और इंडस्ट्री 4.0 के युग में अपरिवर्तनीय रणनीतिक साझेदार के रूप में स्थापित कर सकते हैं। सीए पेशे का भविष्य उन्हीं के हाथों में है जो प्रौद्योगिकी और मानव आवश्यकताओं के बीच की खाई को पाट सकते हैं और वित्तीय सफलता के आर्किटेक्ट बनने के लिए व्यवधान को नेविगेट कर सकते हैं।