चीताखेड़ा - शेषनाग लक्ष्मण और इन्द्रजीत मेघनाथ दोनों योद्धाओं के बीच लंका में हुआ भीषण युद्ध। मेघनाथ ने मारी ब्रह्म शक्ति (बरछी) लक्ष्मण हुए मूर्छित, हनुमान जी ने भरी उड़ान रातों रात द्रोणगिरी पर्वत से संजीवनी बूटी सहित उठा लाए पूरा ही पर्वत, लक्ष्मण की टूटी मूर्छा, मेघनाथ का कर दिया वध। फिर आया कुंभकर्ण श्री राम ने उसका भी कर दिया संहार। उक्त प्रसंग इन दिनों चीताखेड़ा में बजरंग मंदिर पर चल रहा रामलीला का मंचन के 9 वें दिन गुरुवार को रामायण ग्रंथ के आधार पर कलाकारों द्वारा सभी पात्रों को बखूबी किरदार को अभिनय कर रहे हैं। कलाकारों ने आधी रात तक रामलीला के मंचन से हजारों श्रद्धालुओं को निहारने के लिए मजबूर कर अपना कायल बना रहे हैं। कार्यक्रम के प्रारंभ में सर्वप्रथम मुख्य अतिथि जिला पंचायत सदस्य तरुण बाहेती, गौभक्त प्रदेश कार्यकारिणी अध्यक्ष कृष्ण पाल सिंह पंवार, गौभक्त उज्जैन संभाग अध्यक्ष सचिन नागदा गौभक्त संभाग उपाध्यक्ष हर्षवर्धन सिंह हाड़ा,गौरक्षक दीपक बना,लक्की यादव गौरक्षक, जनपद पंचायत सदस्य श्रीमती सुनीता लबाना, सोसायटी समिति पूर्व अध्यक्ष सुरेश चंद सुथार ने विशेष अतिथि के रूप में रामायण ग्रंथ पर द्वीप प्रज्वलित एवं माल्यार्पण कर आरती की।इस मौके पर आमंत्रित अतिथियों का रामलीला मंचन समिति के पदाधिकारियों द्वारा स्वागत किया गया। इस अवसर पर जिला पंचायत सदस्य तरुण बाहेती ने धर्म परिसर में उपस्थित श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए कहा कि बड़े बुजुर्ग अपने घरों में बच्चों को हनुमान चालीसा और दुर्गा चालीसा पाठ करना सिखाएं और हर मंदिरों में बाल संस्कार जरूर सिखाएं। रामायण ग्रंथ के आधार पर प्रसिद्ध कलाकारों द्वारा पात्रों को बखूबी किरदार का अभिनय निभा रहे हैं हमें हमारे जीवन में भाईयों को कैसे भाई चारा से रहना है हमें संस्कारवान बनाती है रामायण। रामलीला कोई मनोरंजन का माध्यम नहीं है। रामलीला मंचन में रंगारंग धार्मिक मंच पर रावण को कुंभकर्ण ने कहा कि सीता साक्षात जगदम्बा है उसका अपहरण करके अच्छा नहीं किया है उसे पुनः लौटाने में ही लंका कि भलाई है, परंतु रावण ने एक नहीं सुनी। रावण के हाथों मरने से अच्छा है नारायण के हाथों मरकर मोक्ष तो मिलेगा यह कहकर कुंभकर्ण युद्ध करने चला गया और भगवान श्री राम के हाथों युद्ध में मारा गया। कल शनिवार होगा भगवान श्री राम का राज तिलक और भव्य भजन संध्या का आयोजन--- 10 दिवसीय रामलीला मंचन के आखिरी और अंतिम 10 वें दिन शनिवार को रात्रि 9 बजे से भगवान श्री राम का 14 वर्ष के वनवास के दौरान लंका विजय प्राप्त कर पुनः अयोध्या लौटने पर अयोध्या का राजा बनाया जाएगा। राजतिलक के पश्चात् धार्मिक रंग मंच पर बड़े ही आकर्षक और बेहतरीन ढंग से भजन संध्या का आयोजन आयोजित किया जाएगा। रामलीला मंचन के समस्त पदाधिकारीयों ने क्षेत्र की समस्त धर्म प्रेमी जनता से अनुरोध किया है कि अधिक से अधिक संख्या में निर्धारित समय पर पहुंचकर भव्य भजन संध्या का आनंद लें।