KHABAR : वित्तीय साक्षरता पर जाजू कन्या महाविद्यालय में एक दिवसीय सेमीनार सम्पन्न, पढ़े खबर

MP 44 NEWS November 22, 2024, 11:54 am Technology

नीमच - ‘‘वित्तीय साक्षरता का अर्थ है - पैसे का प्रबन्धन समझदारी से करना एवं सीखना। पैसे की बचत करके उचित तरीके से निवेश करना, करो और बीमा को समझना शामिल है। वित्तीय रूप से साक्षर होने पर आपको अपने वित्तीय लक्ष्यों को प्राप्त करने और वित्तीय समस्याओं से बचने में मदद मिलती है।’’ उक्त उद्गार सेबी के प्रतिनिधि व कम्पनी सेक्रेटरी लखन धाबी ने श्री सीताराम जाजू शासकीय कन्या स्नातकोत्तर महाविद्यालय, नीमच में स्मार्ट निवेशक जागरूकता कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में व्यक्त किए। इन्होंने छात्राओं को सम्बोधित करते हुए कहा कि ग्लोबल फाइनेन्शियल लिटरेसी एक्सीलेंस सेंटर की एक रिपोर्ट के अनुसार भारत की वयस्क आबादी का मात्र 27 प्रतिशत ही वित्तीय रूप से साक्षर है। जिससे भारत की वित्तीय साक्षरता की दर प्रमुख उभरती अर्थव्यवस्थाओं में सबसे कम है जो कि भारत के तीव्र आर्थिक विकास के लिये एक चिन्तनीय विषय है। इन्होंने छात्राओं द्वारा पूछे गए अनेक प्रश्नों का भी सरल भाषा में जवाब दिए। कार्यक्रम में अर्थशास्त्र विभाग के वरिष्ठ प्राध्यापक डॉ. पी.सी. रांका ने कहा कि वित्तीय साक्षरता हमें अपनी आय का उचित प्रबन्धन करने के लिए सही रास्ता बताती है। वित्तीय साक्षरता एक महत्वपूर्ण जीवन कौशल है जो किसी भी व्यक्ति की वित्तीय क्षमता में सुधार करती है। वित्तीय साक्षरता सभी के लिए महत्वपूर्ण है चाहे आपकी आयु, आय या शिक्षा स्तर कोई भी हो, क्योंकि वित्तीय साक्षरता से व्यक्ति को आर्थिक, पारिवारिक एवं सामाजिक समस्याओं से बचने में मदद मिलती है। कार्यक्रम के प्रारंभ में महाविद्यालय के प्रभारी प्राचार्य डॉ. आर.के. पेन्सिया ने अतिथि वक्ता का स्वागत करते हुए कहा कि वर्तमान समय में प्रत्येक व्यक्ति को वित्तीय रूप से साक्षर होना अत्यन्त आवश्यक है। वित्तीय साक्षरता व्यक्ति के व्यक्तिगत और व्यावसायिक विकास के लिए एक महत्वपूर्ण जीवन कौशल है। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में छात्राएं उपस्थित थी तथा कार्यक्रम का संचालन एवं आभार प्रो। डॉ. पी.सी. रांका ने माना।

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