नीमच । जीवन के उच्चतर मूल्य का नाम शिक्षा है , शिक्षा ज्ञान शक्ति है शिक्षा के लिए छात्रों को तनाव के बजाय आनंद से पढ़ाई करना चाहिए उक्त विचार व्यक्त करते हुए प्रसिद्ध भागवताचार्य श्री स्वामी सत्यानंद जी सरस्वती ने कहा कि बच्चों की तुलना दूसरों से नहीं करना चाहिए , हर एक बच्चा जीनियस है सभी में प्रतिभाएं होती है।
विजडम हायर सेकेंडरी स्कूल इंदिरा नगर , नीमच में बुधवार 21/09/22 को आयोजित एक कार्यक्रम में सत्यदीप आश्रम वृंदावन धाम के संचालक स्वामी सत्यानंद जी सरस्वती ने छात्रों को जीवन के मूल्य की शिक्षा देते हुए कहा कि दूसरों से प्रतिस्पर्धा करने के बजाय स्वयं अपने आप से प्रतिस्पर्धा करें अपना मूल्यांकन कर अपने आपको उससे आगे लेकर जाएं। सत्य सुनने की क्षमता भी एक शिक्षा है।
स्वामी सरस्वती ने कहा कि भगवान कृष्ण ने शिक्षा दी है कि जीवन एक खेल है इसे प्रेम और आनंद के साथ जीना चाहिए लेकिन आजकल खेल भी एक जुआ हो गया है ऐसे में छात्रों को ऐसे खेलों की ओर प्रोत्साहित होना चाहिए जो उनका शारीरिक और मानसिक विकास करें ।छात्रों को अपने वरिष्ठ जन, माता-पिता , गुरुओं के प्रति हमेशा सम्मान और विनम्रता का भाव रखना चाहिए। आजादी और अभिव्यक्ति के नाम पर अनुशासन हिनता और मनमानी भाषा का उपयोग नही करना चाहिए।
स्वामी सरस्वती ने पालकगण से कहा कि वह अपने बच्चों की दूसरे बच्चों के साथ तुलना ना करें , अपनी मर्जी छात्रों के ऊपर नहीं तो थोपे । बच्चों के दिमाग पर शिक्षा का तनाव नहीं हो वह आनंद के साथ अपनी शिक्षा को अर्जित करें।
श्री सत्यानंद स्वामी ने कहा कि कलर टीवी और मोबाइल से बचने की जरूरत है यह कुछ उपयोगी है लेकिन इनका अधिक उपयोग हमारे दिमाग और शरीर पर दुष्प्रभाव डालता है । छात्रों को रात को जल्दी सो कर और सुबह जल्दी उठकर पढ़ना चाहिए । किताबों को रटने के बजाय समझने पर ध्यान करना चाहिए ।
श्री सत्यानंद स्वामी ने शिक्षकों से कहा कि वे शिक्षा और देश के निर्माण में अपना बहुमूल्य समय दे रहे हैं ऐसे में छात्रों को ऐसी शिक्षा दी जाना चाहिए जो उनमें मूल्य का निर्माण करें। भारतीयता और राष्ट्रीयता का निर्माण करें।
कार्यक्रम के प्रारंभ में स्वामी सत्यानंद जी सरस्वती ने मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण कर कार्यक्रम को प्रारंभ किया।
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विजडम स्कूल की चेयरपर्सन मंजू पाटीदार , डायरेक्टर एवं अधिवक्ता महेश पाटीदार, पूर्व पार्षद मुकेश पोरवाल ,पार्षद सुमित्रा पोरवाल पार्षद हरगोविंद दीवान , प्रिंसिपल सपना नागोरा , गोपाल दिवान आदि ने स्वामी जी का स्वागत किया ।
कार्यक्रम में विजडम स्कूल की चेयरपर्सन मंजू पाटीदार ने अपने स्वागत उद्बोधन में कहा कि स्वामी सत्यानंद जी सरस्वती के अनुभव और ज्ञान रूपी शब्द छात्रों के जीवन में मोती के समान बहुमूल्य है ।शिक्षा के साथ धर्म , संस्कार और संस्कृति के बारे में समझने के लिए स्वामी जी के वचन बहुत उपयोगी होगे
स्वामी सत्यानंद जी सरस्वती ने डेढ़ घंटे तक लगातार छात्रों को अलग-अलग कहानी और किससे के माध्यम से समझाया कि उन्हें शिक्षा का सकारात्मक उपयोग करना चाहिए और शिक्षा, परिवार और राष्ट्र के निर्माण में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए तैयार होना चाहिए ।
इस अवसर पर विजडम स्कूल के छात्र, स्टाफ सदस्य , पालकगण एवं इंदिरानगरवासी उपस्थित थे।