मंदसौर। स्वच्छ सर्वेक्षण 2023 की नई गाइड लाइन अा गई है। इस बार नगरपालिका के लिए स्वच्छता परीक्षा का पेपर ज्यादा कठिन है। मौजूदा व्यवस्था में इसे पास करना किसी चुनौती से कम नहीं। स्वच्छता पूर्णांक भी 7500 से बढ़ाकर 3 श्रेणी में 9500 कर दिए हैं। ये सिर्फ कचरा उठाने, अस्थायी स्पॉट कम करने तक सीमित नहीं हैं बल्कि कचरे का उत्पादन कम हो तथा जो कचरा निकल रहा, उसका वेस्ट टू वंडर पहल के तहत पुन: उपयोग बढ़े, इस पर ध्यान देना है। पॉलीथिन प्रतिबंध पर फोकस रहेगा क्योंकि इसके अंक प्रतिशत 3 से बढ़ाकर 10 कर दिए हैं।
लोगों की स्वच्छता में भागीदारी बढ़े इसलिए जीरो अपशिष्ठ समारोह (निजी शादी-पार्टी) जैसे कार्यक्रम चलाकर उन्हें पुरस्कृत व स्वच्छता सर्टिफिकेट देने के प्रावधान किए हैं ताकि बड़े सामाजिक या सार्वजनिक कार्यक्रमों के बाद आमजन को गंदगी का सामना नहीं करना पड़े। कार्यक्रम के दौरान व बाद में स्वच्छता नजर आए। सफाई कर्मचारियों की सुरक्षा का ध्यान रखने पर भी नंबर मिलेंगे। हर तीन महीने में मूल्यांकन होगा। तीसरे चरण में नागरिकों से जमीनी हकीकत का सत्यापन करवाएंगे।
कार्यों का विभाजन किया, हर कार्य के लिए अलग अंक तय
2022 में कुल 7500 अंक निर्धारित थे। नई गाइड लाइन में तीन श्रेणी जैसे सेवा स्तर प्रगति में 4525, प्रमाणीकरण में 2500 और सिटीजन वाइस में 2475 अंकों को मिलाकर 9500 अंक तय किए हैं। इसमें भी कार्यों का विभाजन किया है और हर कार्य के लिए अलग-अलग अंक तय किए हैं। एक तय श्रेणी में जो अंक तय हैं, उसमें से मूल्यांकन होगा और फिर सभी श्रेणियों के प्राप्त अंक जोड़कर रिजल्ट बनेगा।
रुचि बढ़ने से प्रतिस्पर्धा भी बढ़ गई है। 2016 में जब स्वच्छ सर्वेक्षण की शुरुआत हुई थी तो देशभर से केवल 73 शहर ने सहभागिता की थी लेकिन 2017 में 434, 2018 में 4203, 2019 में 4237, 2020 में 4242, 2021 में 4320 और 2022 में 4355 शहरों ने इसमें भाग लिया है। इस बार भी इतने ही रजिस्ट्रेशन हैं। एेसे में हमारी नगरपालिका को ज्यादा मेहनत करना होगी।
सफाई कर्मचारियों को ये सुविधा मिलेगी
व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण जैसे पीपीई प्रावधान, नई वर्दी, फ्लोरोसेंट जैकेट, दस्ताने, रेन कोट, जूते, मास्क, त्रिस्तरीय स्वच्छता प्रशिक्षण, डिजिटल कार्ड जिसमें नाम, पता व संपर्क नंबर लिखे हों, वह बनाना। इसे एसबीएम पोर्टल से जोड़ना ताकि सही मॉनिटरिंग हो सके। सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले कर्मचारी को त्रैमासिक मूल्यांकन पर पुरस्कृत करना।
दूसरा :- प्रमाणीकरण, कुल अंक 2500, इसमें सम्मिलित कार्य व अंक
इसमें सफाई व्यवस्था पर नागरिकों का प्रमाणीकरण लेना यानी सिटीजन फीडबैक, सार्वजनिक स्थानों की सफाई रखने के लिए नागरिक सहभागिता बढ़ाना, आत्मनिर्भर वार्ड या संस्था जैसी पहल शुरू करना। सार्वजनिक स्थानों का सौंदर्यीकरण, नवाचार व सफाई रखने वाले संस्थानों को प्रमाण-पत्र देना, इसकी समीक्षा व मॉनिटरिंग करना आदि।
तीसरा: सिटीजन वॉइस, कुल अंक 2500, इसमें सम्मिलित कार्य व अंक
इसमें नागरिकों से पिछले सालों का वर्तमान से तुलनात्मक फीडबैक लेंगे। नागरिकों ने नपा की प्रेरणा से क्या नवाचार अपनाया, यह पूछा जाएगा। नागरिकों की स्वच्छता के क्षेत्र में क्या सहभागिता रही, यह भी देखेंगे।